SHORT POEM


WAY 



तू भी चली, में भी चला
दिल देके एकदूजे के साथ
हसते हसते इस प्यार के रास्ते पर 
चलते चलते हम चल गये 
दोनों पूरी जिन्दगी के साथ
दिल के साथ, हाथो के साथ
हम चले इस प्यार के फुटपाथ पे 
प्रेम की राहे, एकदूजे की बाहों में 
हम चले एकदूजे की चाहत पे 
आ गया मंदिर प्यार का इस रस्ते पर 
तो हम बेठ गये पूजा करने प्यार के भगवान की 

FOR YOU 

तेरी बातो  से में चल पड़ा
इस अँधेरी रातो मे
रास्ते तेरे दिल के
हाथो मे हाथ थाम के
में चल पड़ा इस प्यार की राह पे
इन अँधेरी रातो में जो गिर पड़ा
तेरी आशिकी में ओ सनम
ना में भूल पाया तेरी वो पयारी सी आहट रे
ना में दूर जा पाया
तेरे मेरे इस प्यार से  

COLOUR

हरे हरे खेतो में हरी हरी बाजरी
क्षत्रीय खेलते हे तलवारबाजी
उतारते हे माँ जगदबा की आरती
रंगोली के हे रंग अनेक
इस भारत देश में
सभी नात जात भूल के खेलते हे संग
ये हे मेरा भारत देश अनोखा
भीर भी हे एकता का रंग बहोत घेरा
  

KNOW

किसी को किसी तरह मिल जाता हे
आँखों के सामने से भी चला  जाता हे
जो उसको पहचानता हे ,
उसको मिल जाता हे दुनिया का सबकुछ
जो नहीं पहचानता, वो आगे नहीं बढ़ पाता हे

QUIET NIGHT 

सपनों के सजाके खड़ी हे ये रात
पर उसमे नहीं होती हे कोई बात
बस होता हे मोज मस्ती का मधुर सपनो के साथ गान
नहीं होता हे कोई ऊँची आवाज
बस होती हे दो दिलो की बात 
   

AUCTION

हम गये थे इशक की नीलामी में
हम हो गये उनके उनकी बोली से
पसंद करा हमको आँखो से देखकर रे
चुना हमको  हमारी खूबसूरती देखकर रे 
दिल ले गये हमारा ऊँची बोली से
हजारो की भीड़ थी
फिर भी उनकी नजर सिर्फ हमारे पर थी
बोली लगी थी बड़ी ऊँची सी
पर उनकी चाहतने तोड़ डाली सारी ऊंचाई रे
हम खुसियो से जूम उढे
उनकी मीठी बोली से 

WAITING

हर रोज में जलाता हु
दिया इन रातो के अंधेरो में तेरे लिये
 पर तू  आती नहीं
क्या बता तुम मेरी ही आसपास हो


RAIN


बरसात का मोसम हे 
खुले फूलो की सुंगध हे 
सुंगध को ले जाती हे कोमल सी हवा 
हवा की बाजू में बढ़ी हे 
छोटी छोटी सी बादलिया
कडाका करती हे ये बादलिया


TEAR


चहेरा जो तूने ऐसा बनाया हे
दुःख हो या सुख  हो
भीर भी आशू गिरते हे
पहेले गाल पर ही
बाद में कही और

LIGHT

आते भी अँधेरा
जाते भी अँधेरा
जितने दिन जियोगे
उतने दिन रहेगा हे उजाला


THE BUS STATE


आई आई बस इस बस स्टेशन में 
लगी लगी मुसाफरो की लाइन इस बस मे  
कोई गिरता हे तो कोई चड़ता हे बस की धकामुकी में 
कोई आता हे कोई जाता हे इस बस में 
आगे ही आगे बढती जाती हे बस 
और ट्राफिक में मारती हे हॉर्न 
देती हे सुरक्षा की सवारी
मुसाफर को कोई नहीं रहेती हे चिंता की बीमारी 
माप की चलती हे पर
चलाती हे पूरी दुनिया 
ये बस हे सरकारी 
पर उशको लगी प्रीत मुसाफिर की 
कराती हे दर्शन दुनिया का 
फिर भी नहीं करती हे अपनी मनमानी
ये बस हे सरकारी 
फिर भी हे मुसाफर की प्यारी