कुछ दिन पहेले हमारे घर सोसायटी में रहेते परेशभाई पटेल की बेटी की सदी की निमत्रण पत्रिका आई थी। जिस लड़की की सादी हो रही थी वो लड़की मेरी बहन की सहेली थी इसलिए सादी में आने को ख़ास कहा था। ऐसे तो हम पेसे वाले नहीं थे पर उस सोसायटी हम निगरानी की नोकरी करते थे। सादी का पूरा प्रोग्राम पार्टी प्लाट में था। इस लिए हमको खाने के लिए शाम को पार्टी प्लाट में जाना था। हम दो भाई-बहन और एक दोस्त खाने के लिए पार्टी प्लाट में गये। में पहली बार पार्टी प्लाट में गया था इस लिए मुझे सब कुछ नया नया लगा। रंगीन लाइटे, डिस्को डांस, खाने की नयी नयी डिस बिगेरे नया लगा ये सब देखकर में चोक गया। मुझे और मरे दोस्त को मजा आ गया इस सादी में।
हम तो पहेले पानी पूरी खाने लगे बाद में हम दूसरी खाने के चिज पर टूट पड़े। पेट भरने के बाद हम पार्टी प्लाट में घुमने लगे। बाद में मुझे पेशाब लगा पर हमको नहीं बता था की पेशाबखाना कहा हे। में और मेरे दोस्तने टॉयलेट ढूढने गये परन्तु हमें टॉयलेट नहीं मिला। इस लिए में पार्टी प्लाट के बाहर में पेशाब करने गया.पेशाब करने के बाद अब में अंदर जा रहा था तब मुख्य द्वार पे बारात आई थी इस लिए बहोत भीड़ थी गेट पर। इस लिए में दुसरे गेट से अन्दर जा रहा था। जेसे ही में गेट के अंदर गया कि मुजे तिन-चार लडकोने पकड़ लिया।
उन लडको ने चोकीदार ओ बुलाया और कहा, "ये लड़का अंदर घुसने की कोशिस कर रहा था। हमने पकड़ लिया।"
चोकीदार मुज से पूछने लगा की "कहा से आया हे लड़का। ''
में ने कहा "में पार्थ सोसायटी से आया हु, जिस लड़की हो की सादी रही हे वो हमारे बाजू में रहती हे। हम उनकी सादी में आये हे। ''
चोकीदार बोला "साला जूठ बोलता हे। मुफ्त में खाने के लिए आया गया हे.सच बोल कहा से आया हे। ''
में ने कहा "में सच कह रहा हु में मेरी बहन के साथ इस सादी में आया हु। आपको यकीन हो नही रहां हे तो अन्दर बेढ़ी हुई मेरी बहन से पूछ सकते हे।"
पर चोकीदार ने मेरी एकी भी बात सुनी नहीं और मुझे एक जापट मार दी। "
चोकीदार बोला की "यहाँ से निकल जा, वरना बहोत मारुगा।"
में ने कहा, "मेरी बहन अंदर हे मुझे अंदर जाने दो।"
पर चोकीदार ने मुझे अंदर नहीं जाने दिया। बाद में मुझे समज में आया की मेने नये कपडे नहीं पहेने थे इस लिए ये लोग मुझे अंदर नहीं जाने देते हे। में गेट की बाहर बीस मिनिट तक खड़ा रहा। बाद में चोकीदार जब अंदर जा रहा था तो में भी चुपचाप उसके पीछे पीछे अंदर चला गया.जहा रंगबेरंगी लाइटों में डिस्को हो डांस रहा था वहा में अपने दोस्त के साथ चला गया। वहा डी ज़े पर मस्त मस्त नए नये गाने बज रहे थे। फिर वहा चोकिदार आया।
वो मुझे कहने लगा कि "तू फिर से अंदर आया गया, तुम को कितनी बार कहेना पड़ता हे। मालूम नहीं पड़ता हे। चलो बाहर निकलो।"
में ने कहा "में मेरी बहन के साथ सादी में आया हु। आपको यकीन नहीं होता हे तो चलो मेरी बहन के पास पूछने को।"
चोकीदार बोला "वो जो लाल साडी में वो खुर्शी पर बेठी हे वो।"
में ने कहा '' हा "
चोकीदार ने कहा "चल अब जाने दिया।"
बाद में वो चोकीदार मेरे साथ नहीं आया। वो वहा से चला गया। बाद के जाने के चोकीदार वो लड़के फिर मेरे पास आ गये।
मुजको कहने लगे "तुम अंदर केसे आ गये अभी हम चोकीदार को बुलाते हे।"
में ने कहा "जायो, बुला के लायो तुमारे चोकीदार को हम नहीं डरते उनसे। ''
एक लड़का मेरे साथ खड़ा रहा और दुसरे लड़के चोकीदार को बुलाने गये.पर वो लडके वापस नहीं आये इस लिए वो लड़का जो मेरे पास खडा था वो भी मेरे पास से चला गया। बाद में डांस देखते देखते अग्यार बज गये। हम चांदला लिखा कर के हम घर वापस आ गये और वहा पार्टी प्लाट में सादी होती रही।
कुछ दिन पहेले हमारे घर सोसायटी में रहेते परेशभाई पटेल की बेटी की सदी की निमत्रण पत्रिका आई थी। जिस लड़की की सादी हो रही थी वो लड़की मेरी बहन की सहेली थी इसलिए सादी में आने को ख़ास कहा था। ऐसे तो हम पेसे वाले नहीं थे पर उस सोसायटी हम निगरानी की नोकरी करते थे। सादी का पूरा प्रोग्राम पार्टी प्लाट में था। इस लिए हमको खाने के लिए शाम को पार्टी प्लाट में जाना था। हम दो भाई-बहन और एक दोस्त खाने के लिए पार्टी प्लाट में गये। में पहली बार पार्टी प्लाट में गया था इस लिए मुझे सब कुछ नया नया लगा। रंगीन लाइटे, डिस्को डांस, खाने की नयी नयी डिस बिगेरे नया लगा ये सब देखकर में चोक गया। मुझे और मरे दोस्त को मजा आ गया इस सादी में।
हम तो पहेले पानी पूरी खाने लगे बाद में हम दूसरी खाने के चिज पर टूट पड़े। पेट भरने के बाद हम पार्टी प्लाट में घुमने लगे। बाद में मुझे पेशाब लगा पर हमको नहीं बता था की पेशाबखाना कहा हे। में और मेरे दोस्तने टॉयलेट ढूढने गये परन्तु हमें टॉयलेट नहीं मिला। इस लिए में पार्टी प्लाट के बाहर में पेशाब करने गया.पेशाब करने के बाद अब में अंदर जा रहा था तब मुख्य द्वार पे बारात आई थी इस लिए बहोत भीड़ थी गेट पर। इस लिए में दुसरे गेट से अन्दर जा रहा था। जेसे ही में गेट के अंदर गया कि मुजे तिन-चार लडकोने पकड़ लिया।
उन लडको ने चोकीदार ओ बुलाया और कहा, "ये लड़का अंदर घुसने की कोशिस कर रहा था। हमने पकड़ लिया।"
चोकीदार मुज से पूछने लगा की "कहा से आया हे लड़का। ''
में ने कहा "में पार्थ सोसायटी से आया हु, जिस लड़की हो की सादी रही हे वो हमारे बाजू में रहती हे। हम उनकी सादी में आये हे। ''
चोकीदार बोला "साला जूठ बोलता हे। मुफ्त में खाने के लिए आया गया हे.सच बोल कहा से आया हे। ''
में ने कहा "में सच कह रहा हु में मेरी बहन के साथ इस सादी में आया हु। आपको यकीन हो नही रहां हे तो अन्दर बेढ़ी हुई मेरी बहन से पूछ सकते हे।"
पर चोकीदार ने मेरी एकी भी बात सुनी नहीं और मुझे एक जापट मार दी। "
चोकीदार बोला की "यहाँ से निकल जा, वरना बहोत मारुगा।"
में ने कहा, "मेरी बहन अंदर हे मुझे अंदर जाने दो।"
पर चोकीदार ने मुझे अंदर नहीं जाने दिया। बाद में मुझे समज में आया की मेने नये कपडे नहीं पहेने थे इस लिए ये लोग मुझे अंदर नहीं जाने देते हे। में गेट की बाहर बीस मिनिट तक खड़ा रहा। बाद में चोकीदार जब अंदर जा रहा था तो में भी चुपचाप उसके पीछे पीछे अंदर चला गया.जहा रंगबेरंगी लाइटों में डिस्को हो डांस रहा था वहा में अपने दोस्त के साथ चला गया। वहा डी ज़े पर मस्त मस्त नए नये गाने बज रहे थे। फिर वहा चोकिदार आया।
वो मुझे कहने लगा कि "तू फिर से अंदर आया गया, तुम को कितनी बार कहेना पड़ता हे। मालूम नहीं पड़ता हे। चलो बाहर निकलो।"
में ने कहा "में मेरी बहन के साथ सादी में आया हु। आपको यकीन नहीं होता हे तो चलो मेरी बहन के पास पूछने को।"
चोकीदार बोला "वो जो लाल साडी में वो खुर्शी पर बेठी हे वो।"
में ने कहा '' हा "
चोकीदार ने कहा "चल अब जाने दिया।"
बाद में वो चोकीदार मेरे साथ नहीं आया। वो वहा से चला गया। बाद के जाने के चोकीदार वो लड़के फिर मेरे पास आ गये।
मुजको कहने लगे "तुम अंदर केसे आ गये अभी हम चोकीदार को बुलाते हे।"
में ने कहा "जायो, बुला के लायो तुमारे चोकीदार को हम नहीं डरते उनसे। ''
एक लड़का मेरे साथ खड़ा रहा और दुसरे लड़के चोकीदार को बुलाने गये.पर वो लडके वापस नहीं आये इस लिए वो लड़का जो मेरे पास खडा था वो भी मेरे पास से चला गया। बाद में डांस देखते देखते अग्यार बज गये। हम चांदला लिखा कर के हम घर वापस आ गये और वहा पार्टी प्लाट में सादी होती रही।
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